loving poetry

Sunday 20 May 2012


किसी ने कहा फूल से की ,
मुझको बता तू आज तक क्यों खिलता रहा ,
तुने तो दी सबको
खुशबु तुझको क्या मिलता रहा ?
फूल ने मुस्कुरा कर कहा ,
अभी तू नादान है .
जीवन की सच्चे प्यार से ,
अभी तू अन्जान है .
देने के बदले कुछ लेना ,
वो तो एक कारोबार है .
जो दे कर भी कुछ न मांगे ,
वो ही सच्चा प्यार है

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