loving poetry

Monday 21 May 2012


बात इतनी सी हो कि,बस बात हो जाये
एक बार फिर उनसे कही, मुलाकात हो जाये
.
इक उम्र से देखा ही नहीं,सावन मैंने
तेरी आँखों से मिलूं,और, बरसात हो जाये
.
बड़ी मुश्किल से हैं,नूर-ऐ-चारागा रोशन
जल जाने दो मुझको कि,न तर्क रात हो जाये
.
थक गया हूँ मिलकर ,जुदा हो होकर
अब के कुछ ऐसे मिलूं ,कि कायनात हो जाये

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