पत्थर ह्रदय जगत है प्यारे
तू जग को नवनीत बना
..........धर्म जाति के बंधन टूटे
..........ऐसी कोई रीत बना
प्रेम प्रीत सिखलाये जो
ऐसा कोई गीत बना
तू जग को नवनीत बना
..........धर्म जाति के बंधन टूटे
..........ऐसी कोई रीत बना
प्रेम प्रीत सिखलाये जो
ऐसा कोई गीत बना
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