loving poetry

Sunday 20 May 2012

सुनो ना...
सिर्फ सुनो
सबकी कहानी
सच-सपने-हक़ीक़त
सब बयां करेंगे

देखो ना...
सुकून मिलेगा
सब मुन्तज़िर हैं
नज़र-नज़ारे-शहर
सब गुमां करेंगे

कहो ना...
कुछ कहो
सब सुनेंगे
हवा-मंज़र-तन्हाई
सब बातें करेंगे

छू लो...
थामने को
सब आगे बढ़ेंगे
चाहत-ख़्वाब-साथ
सब अपना लेंगे

चलो ना...
क़दम-दो-क़दम
सब चल पड़ेंगे
रास्ता-सफ़र-मंज़िल
सब संग होंगे

महसूस करो...
हर पल, हर घड़ी
सब पा जाओगे
जज़्बात-यकीन-हौसला
सब तुम्हें जिएंगे !!!

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