जीवन है हसीन फिर भी
मन उदास है
खुशियाँ सारी पास फिर क्या
ख़्वाब है
दिन रात की ये मस्ती कब तक
साथ देगी
क्या ज़िंदगी के मायनों को
तलाश देगी
अर्थहीन ज़िंदगी का फ़ायदा
ही क्या
पाषाण में,खुद में फिर फर्क
ही क्या
रोपो एक पौधा जिसे जीवन
दे सको तुम
खुशी है यही गर इसे समझ
सको तुम…
मन उदास है
खुशियाँ सारी पास फिर क्या
ख़्वाब है
दिन रात की ये मस्ती कब तक
साथ देगी
क्या ज़िंदगी के मायनों को
तलाश देगी
अर्थहीन ज़िंदगी का फ़ायदा
ही क्या
पाषाण में,खुद में फिर फर्क
ही क्या
रोपो एक पौधा जिसे जीवन
दे सको तुम
खुशी है यही गर इसे समझ
सको तुम…
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